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Mar 8, 2016

बोर्ड परीक्षाओं के तनाव से निबटने के उपाय

दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएँ शुरू हो रही हैं और छात्र परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए दिन रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं। लेकिन इसी कड़ी मेहनत के दौरान कई छात्र तनाव में आ जाते हैं जिसका उन्हें नुकसान होता है। परीक्षा की तैयारियों के संबंध में हम आपके लिए कुछ सुझाव यहाँ इस उम्मीद के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं कि यह आपके लिए लाभकारी होंगे।

योजना बनाकर करें काम

किसी भी कार्य की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आपने कैसी योजना बनाई है। कहा जाता है अगर आपने अच्छी शुरुआत कर दी है तो आधी सफलता तो पहले ही तय है। अगर आप किसी भी विषय के महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखे हुए हैं तो आपको तनाव नहीं झेलना पड़ेगा।

रिवीजन के समय सभी बिंदुओं का ध्यान रखें जो आपको तेजी से आगे की पढ़ाई में सहायता करेगा। खुद को व्यवस्थित रखें। अगर आपने योजनाबद्ध तरीके से प्रत्येक विषय को समय देने के बारे में सोचा है तो तय है कि आपको तनाव नहीं होगा और आप सही समय पर पूरे पाठ का रिवीजन भी कर लेंगे।

क्षमता के अनुसार तय करें पढ़ाई का समय

परीक्षा जब नजदीक होती है तो यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है कि आप कितना समय किस विषय को दे रहे हैं। तनाव में अक्सर छात्र ज्यादा समय तक जागे रहते हैं और पढ़ाई करते हैं जिससे उन्हें अकसर याद किया गया भूल जाता है। नींद आवश्यक है। नींद से ही आपमें और दोबारा ऊर्जा आती है। नींद ही आपको पूर्ण रूप से व्यवस्थित करती है। इसलिए ऐसा न सोचें की ज्यादा सोने से परीक्षा पर असर पड़ेगा। कम से कम छह घंटे तो अवश्य नींद लें। अच्छी नींद के लिए कम प्रोटीन युक्त भोजन लें। हां एक आवश्यक सुझाव यह है कि सोने का समय में बदलाव न करें। यह बदलाव माथे में भारीपन लाता है। जहां तक पढ़ाई के समय की बात है अपनी क्षमता का आकलन आवश्यक है जिसे आपको खुद तय करना होगा।

खानपान का खास ध्यान

परीक्षा के दिनों में आपका शरीर क्षमता से अधिक कार्य कर रहा होता है ऐसे में खानपान का खास ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। ऐसे में सुबह का नाश्ता लेना न भूलें। हल्का नाश्ता अवश्य लें। चाय या कॉफी वैसे समय में लें जब आपको सुस्ती महसूस हो रही हो। संतुलित नाश्ता आपको चुस्त रखेगा। ऐसे में नाश्ते में प्रोटीन युक्त चीजें ही लें साथ ही सेब, सलाद, दही, जूस वगैरह भी लेना न भूलें। एक खास बात का ध्यान रखना चाहिए कि ज्यादा चाय का सेवन ना करें। ज्यादा चाय वह भी सोने के समय अनिद्रा का कारण बन जाता है जिससे तनाव घटता नहीं बढ़ जाता है।

सकारात्मक भाव रखें

अपने आप पर विश्वास करना आवश्यक होता है जिससे आपमें आत्मविश्वास का संचालन होता है। यही आपको तेजी से दूसरे किसी भी विषय को याद करने में प्रेरित भी करेगा। ऐसा ना हो कि जब आप एक विषय पढ़ रहे हों तो चिंतन दूसरे विषय का कर रहे हों ऐसे में वर्तमान तो याद होता नहीं पुराना भी भूल जाता है। इससे तनाव आता है। अपने आप पर विश्वास रखें कि जो आपने पढ़ा है वह याद है और जब पूरी पढ़ाई समाप्त कर ली हो तो पिछले समय में पढ़े गए विषय का चिंतन करें। यह आपकी याददाश्त को भी बढ़ाएगा और सकारात्मक भाव भी पैदा करेगा।

चिंतन करें, चिंता नहीं

परीक्षा नजदीक होने के कारण आपके पास समय का अभाव होता है ऐसे में चिंता करने से समस्या का हल नहीं निकलता है। चिंतन करने का लाभ यह होता है कि आपके अंदर विषय की अच्छी समझ का विकास होता है। और किसी भी तरह के प्रश्न के जवाब देने के लिए आप तैयार होते हैं।

झिझकना छोड़ें

अगर आपको किसी विषय में दिक्कत है तो आप अपने अध्यापक या माता-पिता या किसी बड़े आदमी से उसका हल जानने की कोशिश तत्काल रूप से करें। अगर आपने इसे छोड़ दिया तो तय है कि यह प्रश्न अंत तक आपका पीछा नहीं छोड़ेगा। इसलिए तत्काल प्रभाव से समस्या का हल जानने के लिए झिझक को दूर भगाएं। अपनी झिझक को हमेशा दूर करने की कोशिश करें न कि उसे छिपाने की। इससे आपकी जानकारी का भंडार भी बढ़ता है और आत्मविश्वास भी।

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