अमारा whatsapp गृपमा जोड़ावा अही क्लिक करो
 फालतू मेसेज करवानी मनाई छे तमारा मित्रो ने पण अमारा गृपमा जोड़ो ... आभार
तमारा whatsapp & Hike  गृप मा अमारो नंबर
982 57 57 943 ऐड करो
Join Our FaceBook Groups To Get More Update ... click here
Join our Facebook page To get our website update... click here 

Search This Blog

RECENT POST

Recent Posts Widget

Oct 5, 2015

अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस. विश्व में शिक्षक दिवस:- , इतिहास में आज: 5 अक्टूबर, 5 अक्टूबर को जन्मे व्यक्ति:- 5 अक्टूबर को हुए निधन:- 5 अक्टूबर के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव:- 5 अक्टूबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ:-

अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस विवरण :- 'अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस' प्रत्येक वर्ष 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। विश्व भर में 'शिक्षक दिवस' अलग-अलग तिथियों पर मनाये जाते हैं। 👉🏻तिथि :- 5 अक्टूबर 👉🏻शुरुआत :-1994 उद्देश्य:- दुनिया में शिक्षा का महत्व बताने में शिक्षक की भूमिका और उसकी जिम्मेदारियों को समझाने के लिए मनाया जाता है। 👉🏻विशेष:- साउ पोलो, ब्राज़ील के एक छोटे-से स्कूल के कुछ शिक्षकों ने 15 अक्टूबर, 1947 को पहली बार शिक्षक दिवस का आयोजन किया था। 👉🏻अन्य जानकारी :- 'अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस' के दिन कुछ देशों में अवकाश रहता है, किंतु बाकी देशों में उस दिन रोजमर्रा की तरह ही क्रियाकलाप होते हैं और कामकाज चलता रहता है। 📚🌅 विश्व में शिक्षक दिवस:- विश्व में 'शिक्षक दिवस' के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित हैं- 1994 से यूनेस्को में 'अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस' मनाया जाता है। समाज में शिक्षकों के प्रति सहयोग को बढ़ावा दिया जाए और शिक्षक की जिम्मेदारियों का अहसास कराने के लिए यूनेस्को में 'अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस' की शुरुआत की गई थी। चीन ने भी 1931 में 'शिक्षक दिवस' की शुरुआत की थी, पर 1932 में चीन की सरकार ने चीन में 'शिक्षक दिवस' मनाने की अनुमति दी और यह तय किया गया कि 27 अगस्त को 'शिक्षक दिवस' मनाया जाएगा। किंतु बाद में इस घोषणा को भी वापस ले लिया गया। वर्ष 1985 में यह घोषणा की गई कि 10 सितम्बर को 'शिक्षक दिवस' मनाया जाएगा, लेकिन चीन में आज भी 'शिक्षक दिवस' को लेकर मतभेद है। चीन में बहुत से लोग यह चाहते हैं कि कंफ्यूशियस का जन्मदिन ही 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाए। रूस में पहले 'शिक्षक दिवस' अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह को मनाया जाता था, लेकिन 1994 में यह तय हुआ कि रूस में 'शिक्षक दिवस' 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा। अमेरिका भी 'शिक्षक दिवस' को लेकर काफ़ी मतभेदों में रहा। अमेरिका में पहले 'शिक्षक दिवस' को लेकर तरीके बदले गए, फिर मई के पहले सप्ताह में 'शिक्षक दिवस' मनाना तय हुआ। आज भी अमेरिका में 'शिक्षक दिवस' पूरे सप्ताह मनाया जाता है। ईरान में भी 'शिक्षक दिवस' मनाया जाता है। अयातुल्लाह मोर्तेजा की हत्या के बाद ईरान में 2 मई को 'शिक्षक दिवस' मनाया जाता है। अयातुल्लाह मोर्तेजा ईरान के मशहूर प्रोफेसरों में से एक थे, जिनकी याद में 2 मई को ईरान 'शिक्षक दिवस' मनाता है। 25 नवम्बर के दिन इंडोनेशिया में 'हरि गुरू' के नाम से शिक्षक दिवस मनाया जाता है। चेक गणराज्य में 28 मार्च के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है, लेकिन इस दिन कोई ख़ास आयोजन नहीं किया जाता। इस दिन शिक्षक एक दूसरे को उपहार भी देते हैं। सिंगापुर में 1 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन यहाँ छुट्टी होती है और किसी भी तरह को ख़ास आयोजन नहीं होता। शिक्षक दिवस से एक दिन पहले यहाँ सारे आयोजन किए जाते हैं और आधे समय के बाद स्कूलों की छुट्टी कर दी जाती है। अर्जेंटिना के सातवें राष्ट्रपति डोमिंगो फास्टिनो सार्मिएन्टो एक महान विचारक, लेखक और शिक्षाविद के रूप में जाने जाते हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई स्कूल खुलवाए और पुस्तकालयों की स्थापना की। लैटिन अमेरिका के टीचर के रूप में पहचाने जाने वाले डोमिंगो फास्टिनो की 11 सितम्बर, 1888 को मृत्यु हो गई। शिक्षा के क्षेत्र में उनके बहुमूल्य योगदान के कारण ही अर्जेटिना में 11 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। ऑस्ट्रेलिया में अक्टूबर के अंतिम शुक्रवार, इक्वाडोर में 13 अप्रैल, हंगरी में जून के पहले शनिवार और पोलैंड में 14 अक्टूबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है। अल साल्वाडोर में 22 जून को मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस के दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है। ओमान, सीरिया, मिस्र, लीबिया, कतर, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, ट्यूनिशिया, जॉर्डन, सउदी अरब, अल्जीरिया, मोरक्को और अन्य इस्लामी देशों में 28 फ़रवरी को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 5 अक्टूबर को जन्मे व्यक्ति:- 1524 - रानी दुर्गावती - भारतीय इतिहास की प्रसिद्ध वीरागंना रानियों में से एक। 1902 - राम चतुर मल्लिक, ध्रुपद-धमार शैली के गायक 5 अक्टूबर को हुए निधन:- 1981 - भगवतीचरण वर्मा, हिन्दी जगत के प्रमुख साहित्यकार। 1968 - जोगेन्द्र नाथ मंडल - बंगाल के प्रसिद्ध समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ। 1937 - दुर्गा प्रसाद खत्री - हिन्दी के प्रसिद्ध उपन्यास लेखकों में से एक। 5 अक्टूबर के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव:- विश्व आवास दिवस    5 अक्टूबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ:- 1995 - आयरलैंड के कवि एवं साहित्यकार हीनी को वर्ष 1995 के साहित्य पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा। 1997 - राजधानी कम्पाला से नील नदी को स्रोत जिन्जा में प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया, भारतीय टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस तथा महेश भूपति ने जिम कूरियर तथा एलेक्स ओ ब्रायन को पराजित कर चाईना ओपन टेनिस टूर्नामेंट का ख़िताब जीता। 2000 - यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति मिलोसेविच के ख़िलाफ़ विद्रोह। 2001 - पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्फ़ ने सेनाध्यक्ष पद पर अपना कार्यकाल अनिश्चित काल के लिए बढ़ाया। 2004 - पश्चिम एशिया पर अरब देशों के प्रस्ताव का अमेरिका ने विरोध किया। 2005 - खुश मिज़ाजी में भारत चौथे नंबर पर। 2007 - नेपाल सरकार और माओवादियों के बीच समझौता न हो पाने के कारण संविधान सभा के लिए चुनाव रद्द हुआ। परवेज मुशर्रफ़ व बेनजीर भुट्टो के बीच समझौता हुआ। 2008- केन्द्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सेतु सतुद्रम परियोजना के लिए दूसरी जगहों का परीक्षण शुरू किया। इतिहास में आज: 5 अक्टूबर संगीत को जेब में पहुंचाने वाला, मोबाइल को टच स्क्रीन बनाने वाला और कंप्यूटर जगत को नई ऊंचाइयां देने वाला एक नाम आज ही के दिन 2011 में दुनिया को अलविदा कह गया. स्टीव जॉब्स को 20वीं सदी के महान आविष्कारकों में गिना जाएगा. पैंक्रियाज कैंसर से जूझते स्टीव जॉब्स ने 5 अक्टूबर 2011 को आखिरी सांस ली. इसके साथ ही दुनिया ने अद्भुत आविष्कारों से लोगों की जीवनशैली बदल देने वाली शख्सियत को खो दिया. एप्पल के सीईओ रह चुके स्टीव जॉब्स को आईपॉड, आईफोन, आईपैड और मैकिंटॉश या मैक कंप्यूटर बनाने के लिए याद किया जाता है. 46 साल की जिंदगी में स्टीव जॉब्स ने कई उतार चढ़ाव देखे. किशोरावस्था में ही उन पर कंप्यूटर बनाने की धुन सवार हो गई. पढ़ाई में मन न लगने की वजह से उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया. कॉलेज छोड़ने के बाद वो ज्ञान की तलाश में भी भटके. इस दौरान पैसे न होने की वजह से वो कोक की खाली कैन जमा करते, उन्हें बेचते और उससे खाना खरीदते. हफ्ते में एक बार हरे कृष्णा मंदिर में खाना खाते. लो आ गयी एप्पल वॉच लंबा इंतजार शंघाई में एप्पल स्टोर के बाहर घड़ी को देखने वालों की कतार लगी रही. पांच साल पहले एप्पल ने आईपैड लॉन्च किया था. इसके बाद से एप्पल का कोई नया उत्पाद बाजार में नहीं आया है. हर साल एप्पल आईफोन का नया संस्करण बाजार में लाता रहा है. 12345678 जीवन के अर्थ जैसे दार्शनिक सवाल को सुलझाने के लिए वो भारत में भटके. वैसे तो वह नीम करोली बाबा की तलाश में भारत गए, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही यह बाबा गुजर गए. वहां भटकने के दौरान उन्होंने महसूस किया कि पश्चिम के लोग तर्कों से चलते हैं और भारत के गांव के सीधे सरल लोग अंदर की आवाज से चलते हैं. हालांकि भारत यात्रा के दौरान उनका सामना कुछ लोगों से हुआ जिन्होंने आध्यात्म के नाम पर जॉब्स को ठगने की कोशिश की. इससे वो ऐसे झल्लाए कि उन्होंने कह दिया कि इंसानियत की ऐसे बाबाओं से ज्यादा आइनश्टाइन जैसे वैज्ञानिकों ने मदद की है. ये बात जॉब्स जेहन में भी बैठ गई. जवानी के दौरान ही उन्होंने अपने दोस्त स्टीव वोजनियाक के साथ उन्होंने मैकिंटॉश कंप्यूटर बनाया. कंपनी खड़ी कर दी. इसी दौरान उनकी बिल गेट्स से दोस्ती हुई जो बाद में जबरदस्त प्रतिस्पर्द्धा में बदल गई. हर चीज में चरम खूबसूरती खोजने के आदी जॉब्स को जितने लोग पसंद करते थे, उतने ही लोग उन्हें नापंसद भी करते थे. लेकिन नापसंद करने वाले भी हमेशा ये जरूर कहते रहे कि जॉब्स विलक्षण प्रतिभा थे. बिल गेट्स के साथ उनकी प्रतिस्पर्धा छुपी नहीं थी. उन्होंने कई मौकों पर गेट्स और उनकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की आलोचना भी की. लेकिन जॉब्स के आखिरी दिनों में पुरानी दोस्ती फिर भावुक ढंग से सामने आ गई. जॉब्स के निधन के बाद अस्पताल में जब उनका तकिया हटाया गया. नीचे बिल गेट्स की लिखी एक चिट्ठी थी. खत में लिखा था, "तुमने जो काम किया और तुमने जो कंपनी तैयार की, उसे लेकर तुम्हें गर्व होना चाहिए." एप्पल के नए प्रोडक्ट आईफोन 6 प्लस इसकी स्क्रीन और ज्यादा बड़ी है. सैमसंग समेत कई कंपनियों के स्मार्टफोन काफी बड़े हैं. इन्हें एक हाथ से नहीं चलाया जा सकता, लेकिन बड़ी स्क्रीन की वजह से पढ़ने और वीडियो देखने में आसानी होती है. आईफोन 6 प्लस की स्क्रीन 14 सेंटीमीटर की है. 123456789 जॉब्स आज भी अपनी मशीनों और अपने विचारों के साथ लोगों के जेहन में जिंदा हैं. 2005 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान कही गई जॉब्स की एक बात आज भी छात्रों के लिए प्रेरणा का काम करती है, "बीते 33 सालों में, मैं हर सुबह शीशा देखता हूं और खुद से पूछता हूं कि 'अगर ये मेरी जिंदगी का आखिरी दिन है तो क्या, मैं जो करना चाहता हूं वो मैं आज ही कर सकता हूं?' जब कभी लगातार बहुत दिनों तक इसका जवाब 'नहीं' होता है तो मुझे पता चल जाता है कि मुझे कुछ बदलना है."


No comments:

Post a Comment