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Oct 2, 2015

इतिहास में आज: 2 अक्टूबर

इतिहास में आज: 2 अक्टूबर
भारत समेत संपूर्ण विश्व में आज महात्मा गांधी के जन्मदिन को अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है. वह विश्व में सत्य और अहिंसा के प्रेरणास्रोत और भारत में स्वतंत्रता संघर्ष के सूत्रधार के रूप में याद किए जाते हैं.

बड़ी से बड़ी लड़ाई को सत्य और अहिंसा के रास्ते जीतने का बड़ा सीधा सा मंत्र बताने वाले मोहनदास कर्मचंद गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्तूबर 1869 को हुआ. उन्हें दुनिया भले ही महात्मा बुलाती रही, लेकिन खुद वह इसकी ज्यादा परवाह नहीं करते थे. वह कोई मेधावी छात्र नहीं थे. लंदन में कानून की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने कुछ दिन बंबई में वकालत का काम खोजने की कोशिश की, फिर 1893 में दक्षिण अफ्रीका चले गए. और वहां उनका सामना नस्ली भेदभाव से हुआ. दक्षिण अफ्रीका में रह रहे 60 हजार भारतीयों के लिए उन्होंने इंडियन ओपीनियन नाम का अखबार निकाला. और यहां से गांधी का एक शर्मीले और बहुत कम सामाजिक इंसान से सक्रिय और बेबाक नेता के रूप में रूपांतरण शुरू हुआ.

गांधी से महात्मा तक
घर से शुरू हुआ आंदोलन
अपने सबसे छोटे बेटे देवदास के साथ बापू. यह तस्वीर 1931 में लंदन में ली गई. महात्मा गांधी ने अपने परिवार पर वही अनुशासन लागू किया जो बाकी दुनिया से चाहा.
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1914 में गांधीजी भारत लौटे और 1920 में वह कांग्रेस के नेता बन गए. 1930 में नमक सत्याग्रह के रूप में उन्होंने अपने अहिंसक आंदोलन का चमत्कारिक प्रदर्शन किया. दांडी मार्च ने अंग्रेज सरकार को अचंभित कर दिया. 1942 में गांधीजी ने पूर्ण स्वराज की मांग की जिसके लिए उन्हें जेल जाना पड़ा.
गांधी से प्रेरित होने वाले लोगों में मार्टिन लूथर किंग जूनियर और नेल्सन मंडेला से लेकर दलाई लामा और आंग सान सू ची तक हैं. यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा बड़े गर्व से गांधीवादी होने का दावा करते हैं.

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