इतिहास में आजः 10 नवंबर
ईसाई धर्म को नई पहचान देने वाले मार्टिन लूथर का जन्म आज ही के दिन जर्मनी के आइसलेबन में हुआ था. उन्होंने प्रोटेस्टेंट ईसाइयत को नई पहचान दी और बाइबिल का स्थानीय भाषा में अनुवाद किया, जिस पर काफी विवाद हुआ.
वह खुद एक कैथोलिक पादरी थी और उनका बपतिस्मा भी हो चुका था. लेकिन उन्होंने धर्म के अंदर की बुराइयों को मिटाने का बीड़ा उठाया. 10 नवंबर, 1483 को पैदा हुए मार्टिन लूथर ने जिन बातों का प्रमुखता से विरोध किया, उसमें यह भी शामिल था कि पैसे खर्च करके पाप नहीं धोए जा सकते. उन्होंने दुनिया को संदेश दिया कि पुण्य कमाने और पापों से प्रायश्चित के लिए सिर्फ भगवान पर भरोसा करना होगा और अपने कर्मों पर ध्यान देना होगा.
उन्होंने अपनी लेखनी के जरिए भी धर्म में क्रांति लाई. साल 1517 में उनकी लिखी 95 थीसिस ने प्रोटेस्टेंट बदलाव में बड़ी भूमिका निभाई. उनके लेखन का जर्मन भाषा और संस्कृति पर भी खासा असर पड़ा. बाद में चर्चों में जो गीत गाए गए, उनके पीछे भी मार्टिन लूथर का बड़ा योगदान रहा.
उन्होंने बाइबिल को स्थानीय भाषा में अनुवाद करके तहलका मचा दिया. इससे पहले बाइबिल लैटिन भाषा में ही उपलब्ध हुआ करती थी. जर्मन भाषा में अनुवाद के बाद बाइबिल ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने लगी और इसके साथ ही जर्मन भाषा का भी काफी विकास हुआ. उनके इस अनुवाद के बाद बाइबिल को दूसरी भाषाओं में भी अनुवाद करने की परंपरा शुरू हुई. मार्टिन लूथर को कैथोलिक चर्च की काफी नाराजगी झेलनी पड़ी.
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